Tax Saving Tips: नए साल में कोई नहीं वसूल पाएगा आपसे टैक्स! बस इतनी सी करनी है प्लानिंग- आपका CA भी होगा खुश
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Dec 23, 2024 03:19 PM IST
नौकरीपेशा हर महीने एक निश्चित इनकम कमाते हैं. उसमें भी उनकी सैलरी का अच्छा-खासा हिस्सा इनकम टैक्स भरने में चला जाता है. लेकिन अगर आप अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को यूं ही टैक्स में नहीं गंवाना चाहते तो आपको इसके लिए ठीक से Tax Planning करनी होगी. अगर इस साल आप ऐसा नहीं कर पाए हैं, तो अफसोस मत कीजिए क्योंकि नया साल बेशक 1 जनवरी से शुरू होगा, लेकिन नया फाइनेंशियल ईयर अप्रैल 2025 से शुरू होगा. ऐसे में नए साल से भी अगर आप टैक्स प्लानिंग कर लेते हैं तो अच्छा पैसा बचा लेंगे. यहां जानिए वो तरीके जो इस मामले में आपके लिए मददगार हो सकते हैं.
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सेक्शन 80C के तहत निवेश करें
ये सेक्शन आपके टैक्स बचाने का सबसे आसान और पॉपुलर तरीका है. इसमें आप ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), ईएलएसएस (Equity-Linked Savings Scheme),भारत में ऐसी तमाम स्कीम्स, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) आदि ऐसी तमाम स्कीम्स हैं, जिसमें निवेश करके आप 80C के तहत टैक्स बेनिफिट्स ले सकते हैं.
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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करें
टैक्स बचाने के लिहाज से NPS भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. NPS में निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत टैक्स छूट मिलती है. इसमें भी दो सब-सेक्शन होते हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). इसके अलावा 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन होता है 80CCD(1B). 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. वहीं, अब 80CCD(2) से इस 2 लाख की मिली छूट के अलावा भी इनकम टैक्स में और छूट ले सकते हैं.
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होम लोन पर टैक्स बेनिफिट
मकान खरीदने के लिए आपने होम लोन लिया है तो भी आप अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं. इसमें सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर ₹2 लाख तक की कटौती का दावा आप कर सकते हैं. वहीं सेक्शन 80C के तहत प्रिंसिपल रीपेमेंट पर ₹1.5 लाख तक की कटौती दावा किया जा सकता है और अगर आपने पहली बार घर खरीदा है तो सेक्शन 80EEA के तहत अतिरिक्त लाभ ले सकते हैं.
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हेल्थ इंश्योरेंस पर बचाएं टैक्स
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एजुकेशन और ट्यूशन फीस
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सेक्शन 80TTA के तहत ब्याज पर कटौती
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लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) का लाभ उठाएं
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए टैक्स बचाने का एक और तरीका है. LTA के तौर पर मिलने वाले पैसे टैक्स फ्री होते हैं. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत एक प्रावधान है, जो वेतनभोगी कर्मचारियों को घरेलू यात्रा के लिए किए गए खर्चों पर टैक्स छूट का क्लेम करने की अनुमति देता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(5) के मुताबिक, आपके पिछले या मौजूदा नियोक्ता से हासिल LTA की रकम कुछ शर्तों को पूरा करने पर छूट पाने की हकदार है. लेकिन ये फायदा उन्हीं को ही मिलेगा जो नौकरीपेशा हैं और जिन्हें अपने नियोक्ता से एलटीए मिलता है.
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HRA (हाउस रेंट अलाउंस) पर टैक्स छूट
अगर आप किराए के घर में रहते हैं, तो HRA पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं. HRA को लेकर 3 शर्तें होती हैं. पहली शर्त कि ये आपकी बेसिक सैलरी का 40/50 फीसदी होगा. मेट्रो सिटीज (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई) के लिए लिमिट 50 फीसदी और नॉन-मेट्रो सिटीज के लिए 40 फीसदी अमाउंट होता है. दूसरी शर्त कंपनी आपको कितना HRA दे रही है और तीसरी शर्त आपने एक्चुअल में कितना रेंट जमा किया है- माइनस बेसिक सैलरी का 10 फीसदी. तीन कंडीशन में जो मिनिमम अमाउंट होगा, उस पर टैक्स एग्जेम्पशन का फायदा मिलेगा.
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